1-तुम्हे हुक्म दिया गया है की तुम अल्लाह की आज्ञा का पालन करो,
और तुम्हे इसलिए बनाया गया है ताकि तुम अच्छे कर्म करो….
2- अगर इन्सान को तकब्बुर (घमंड) के बारे में,
अल्लाह की नाराज़गी का इल्म हो जाए तो
बंदा सिर्फ फकीरों और गरीबों से मिले और मिट्टी पर बैठा करे….
3-ज्यादा बोलने से बचो,
क्योंकि इससे गलत बात बोलने और लोगो के आप से बोर हो जाने का डर रहता है
4-आँखों के आंसू दिल की सख्ती की वजह से सूख जातें हैं,
और दिल बार बार गुनाह करने की वजह से सख्त हो जाता है…
5-चुगली करना उसका काम होता है,
जो अपने आप को बेहतर बनाने में असमर्थ होता है….
6-इन्सान भी कितना अजीब है,
की जब वह किसी चीज़ से डरता है तो वह उससे दूर भागता है,
लेकिन यदि वह अल्लाह से डरता है तो उसके और करीब हो जाता
7-कभी भी किसी के पतन को देखकर खुश मत हो,
क्युकी तुम्हे पता नहीं है भविष्य में तुम्हारे साथ क्या होने वाला है
8- सूरत सीरत बगैर के एक ऐसा फूल है,
जिसमे कांटे ज्यादा हो और खुशबू बिलकुल न हो
9- आज का इन्सान सिर्फ दोलत को खुशनसीबी समझता है,
और ये ही उसकी बदनसीबी है
10-तुम सिर्फ अपने खुदा से उम्मीद रखो,
और किसी से मत डरो सिवाय अपने गुनाहों के
11-खालिक से मांगना शुजाअत है,
अगर दे तो रहमत और न दे तो हिकमत.
मखलूक से मांगना जिल्लत है अगर दे तो एहसान और ना दे तो शर्मिंदगी
12-तुम्हारा एक रब है फिर भी तुम उसे याद नहीं करते,
लेकिन उस के कितने बन्दे हैं फिर भी वह तुम्हे नहीं भूलता
13-एक अच्छी रूह और दयालु ह्रदय को कोई चीज़ इतनी दुःख नहीं पहुंचाती,
जितना उन लोगों के साथ रहना जो उसे नहीं समझ सकते
14-शिष्टाचार अच्छा व्यवहार करने में कुछ खर्च नहीं होता,
पर यह सबकुछ खरीद सकता है
15- अपनी सोच को पानी के कतरों से भी ज्यादा साफ रखो,
क्योंकी जिस तरह कतरों से दरिया बनता है उसी तरह सोच से इमान बनता है
16- सम्मान पूर्वक साफगोई से मना कर देना,
एक बड़े और झूठे वादे से बेहतर होता है
17-बात तमीज़ से और एतराज़ दलील से करो क्योंकी,
जबान तो हैवानों में भी होती है,
मगर वह इल्म और सलीके से महरूम होते हैं ….
18-उस व्यक्ति को कभी सुकून नहीं मिलता जो इर्ष्या करता है,
और उसे कोई व्यक्ति प्रेम नहीं करता जिसका ख़राब व्यवहार होता है
19-प्यास न हो तो पानी की कोई कीमत नहीं होती है,
मौत नहीं होती तो ज़िन्दगी की कोई कीमत नहीं होती.
और विश्वास ना हो तो दोस्ती की कोई कीमत नहीं होती…..
20-सोने और चांदी की हिफाज़त करने के बजाए,
अपनी जबान की हिफाज़त करो
21- जब तुम बीमार हो जाओ तो इससे घबराओ मत,
और जितना अधिक हो सके उतना आशावान बने रहो.
22-जब दुनिया आपको घुटनों के बल गिरा देती है तब,
आप प्रार्थना करने की सर्वोत्तम स्तिथी में होते हैं
23-महान व्यक्ति का सबसे अच्छा काम होता है,
माफ़ कर देना और भुला देना…
24-अगर किसी का तरफ आज़माना हो तो उसको ज्यादा इज्जत दो ,
वह आला तरफ हुआ तो आपको और ज्यादा इज्ज़त देगा,
और कम तरफ हुआ तो खुद को आला समझेगा
25-मुश्किलों की वजह से चिंता में मत डूबा करो,
सिर्फ बहुत अंधियारी रातों में ही सितारे ज्यादा तेज़ चमकते हैं..
26-ज़िन्दगी में दो तरह के दिन आतें हैं ,
एक जिसमे आप जीतते हैं,और दूसरा वो दिन जो आपके खिलाफ जाता है.
तो जब तुम्हारी जीत हो तो घमंड मत करो और जब चीज़ें तुम्हारे खिलाफ जाएँ तो सब्र करो.
दोनों ही दिन तुम्हारे लिए परीक्षा हैं
27-निश्चित रूप से ख़ामोशी,
कभी कभी भावपूर्ण जवाब हो सकती है.
28-ईमानदारी तुम्हे अच्छाई की तरफ ले जाती है,
और अच्छाई तुम्हे स्वर्ग (जन्नत) की दावत देती है
29-लफ्ज़ आपके गुलाम होतें हैं मगर सिर्फ बोलने से पहले तक,
बोलने के बाद इन्सान अपने अल्फाज़ का गुलाम बन जाता है,
एक शब्द अपमान कर सकता है और आपके सुख को समाप्त कर सकता है.
30-अगर इन्सान को तकब्बुर (घमंड) के बारे में,
अल्लाह की नाराज़गी का इल्म हो जाए तो
बंदा सिर्फ फकीरों और गरीबों से मिले और मिट्टी पर बैठा करे
31-सूरत और सीरत (चरित्र) में सबसे बड़ा फर्क ये हैं की
सूरत धोखा देती है जबकि सीरत पहचान करवाती है.
32-अक़्लमंद अपने आप को नीचा रखकर बुलंदी हासिल करता है,
और नादान अपने आप को बड़ा समझकर ज़िल्लत उठाता है
33-कम खाने में सेहत है,
कम बोलने में समझदारी है और कम सोना इबादत है….
34-जिसकी अमीरी उसके लिबास में हो वो हमेशा फ़कीर रहेगा
और जिसकी अमीरी उसके दिल में हो वो हमेशा सुखी रहेगा
35-जिसको तुमसे सच्चा प्रेम होगा,
वह तुमको व्यर्थ और नाजायज़ कामों से रोकेगा
36-इन्सान का अपने दुश्मन से इन्तकाम का सबसे अच्छा तरीका ये है,
कि वो अपनी खूबियों में इज़ाफा कर दे…
37-इंसान मायूस और परेशान इसलिए होता है,
क्योंकि वो अपने रब को राज़ी करने के बजाये.
लोगों को राज़ी करने में लगा रहता है
38-हमेशा समझोता करना सीखो.
क्यूंकि थोडा सा झुक जाना किसी रिश्ते का हमेशा के लिए टूट जाने से बेहतर है…
39-अपने जिस्म को ज़रूरत से ज़्यादा न सवारों,
क्योंकि इसे तो मिट्टी में मिल जाना है,
सवॉरना है तो अपनी रूह को सवॉरों क्योंकि इसे तुम्हारे रब के पास जाना है
40-जो इनसान सजदो मे रोता है,
उसे तक़दीर पर रोना नहीं पड़ता..
41-इंसान की ज़ुबान उसकी अक्ल का पता देती है.
और आदमी अपनी ज़ुबान के नीचे छुपा होता है
42- हमेशा ज़लिमो का दुश्मन,
और मज़लूमो का मददगार बन कर रहन
43-अगर कोई शख्स अपनी भूख मिटाने के लिए रोटी चोरी करे तो,
चोर के हाथ काटने के बजाए बादशाह के हाँथ काटे जाए