Bu Ali Shah Qalandar Sufism Kalam

मनम मेहर-ए-जमाल-ए-ऊ नमी दानम कुजा रफ़्तम
शुदम ग़र्क़-ए-विसाल-ए-ऊ नमी दानम कुजा रफ़्तम

ग़ुलाम-ए-रु-ए-ऊ बूदम असीर-ए-मू-ए-ऊ बूदम
गु़बार-ए-कू-ए-ऊ बूदम नमी दानम कुजा रफ़्तम

बा-आँ मह-आश्ना गश्तम ज़े-जान-ओ-दिल फ़िदा गश्तम
फ़ना गश्तम फ़ना गश्तम नमी दानम कुजा रफ़्तम

शुदम चूँ मुब्तला-ए-ऊ निहादम सर ब-पा-ए-ऊ
शुदम मेहर-ए-लक़ा-ए-ऊ नमी दानम कुजा रफ़्तम

‘क़लन्दर’-बू-अली हस्तम ब-नाम-ए-दोस्त सर-मस्तम
दिल अंदर इश्क़-ए-ऊ बस्तम नमी दानम कुजा रफ़्तम