Bulleh Shah Kalam

कह बुल्ल्हा हुन प्रेम कहाणी, जिस तन लागे सो तन जाणे,
अन्दर झिड़कां बाहर ताअने, नेहुं ला इह सुक्ख पाइआ ए ।
मेरे माही क्युं चिर लाइआ ए ।

नैणां कार रोवन दी पकड़ी, इक मरना दो जग्ग दी फकड़ी,
ब्रेहों जिन्द अवल्ली जकड़ी, नी मैं रो रो हाल वंजाइआ ए ।
मेरे माही क्युं चिर लाइआ ए ।

मैं प्याला तहकीक लीता ए जो भर के मनसूर पीता ए,
दीदार मिअराज पिया लीता ए मैं खूह थीं वुज़ू सजाया ए ।
मेरे माही क्युं चिर लाइआ ए ।

इश्क मुल्लां ने बांग दिवाई, शहु आवन दी गल्ल सुणाई,
कर नीयत सजदे वल्ल धाई, नी मैं मूंह महराब लगाया ए ।
मेरे माही क्युं चिर लाइआ ए ।

बुल्ल्हा शहु घर लपट लगाईं, रसते में सभ बण तण जाईं,
मैं वेखां आ इनायत साईं, इस मैनूं शहु मिलाइआ ए ।
मेरे माही क्युं चिर लाइआ ए ।

Read More...

Bulleh Shah Urdu Kalam

परदा किस तों राखीदा ।
क्युं ओहले बह बह झाकी दा ।

पहलों आपे साजन साजे दा, हुन दस्सना एं सबक नमाजे दा,
हुन आया आप नज़ारे नूं, विच लैला बण बण झाकी दा ।
परदा किस तों राखीदा ।

शाह शम्मस दी खल्ल लुहाययो, मनसूर नूं सूली दवायओ,
ज़करीए सिर कलवत्तर धराययो, की लेखा रहआ बाकी दा ।
परदा किस तों राखीदा ।

कुन्न केहा फअकून कहाइआ, बे-चूनी दा चून बणाइआ,
खातर तेरी जगत बणाइआ, सिर पर छतर लौलाकी दा ।
परदा किस तों राखीदा ।

हुन साडे वल धाइआ ए ना रहन्दा छुपा छुपाइआ ए,
किते बुल्ल्हा नाम धराइआ ए विच ओहला रक्ख्या ख़ाकी दा ।

परदा किस तों राखीदा ।
क्युं ओहले बह बह झाकी दा ।

Read More...

Bulleh Shah Hindi Kalam

दूर दूर असाथों ग्युं, अजला (अरशां) ते आ के बह रहउं,
की कसर कसूर विसारिआ, सानूं आ मिल यार प्यारिआ ।

मेरा इक अनोखा यार है, मेरा ओसे नाल प्यार है,
किवें समझें वड परवाइआ, सानूं आ मिल यार प्यारिआ ।

जदों आपनी आपनी पै गई, धी मां नूं लुट्ट के लै गई,
मूंह बाहरवीं सदी पसारिआ, सानूं आ मिल यार प्यारिआ ।

दर खुल्ल्हा हशर अज़ाब दा, बुरा हाल होया पंजाब दा,
डर हावीए दोज़ख मारिआ, सानूं आ मिल यार प्यारिआ ।

बुल्ल्हा शहु मेरे घर आवसी, मेरी बलदी भा बुझावसी,
इनायत दमदम नाल चितारिआ, सानूं आ मिल यार प्यारिआ ।

Read More...

piya piya karte

पिया पिया करते हमीं पिया हुए, अब पिया किस नूं कहीए ।
हजर वसल हम दोनों छोड़े, अब किस के हो रहीए ।
पिया पिया करते हमीं पिया हुए ।

मजनूं लाल दीवाने वांङू, अब लैला हो रहीए ।
पिया पिया करते हमीं पिया हुए ।

बुल्ल्हा शहु घर मेरे आए, अब क्युं ताअने सहीए ।
पिया पिया करते हमीं पिया हुए ।

Read More...

Shams Tabrez Quotes

“परिवर्तनों का विरोध करने के बजाय, आत्मसमर्पण करें।
जीवन को तुम्हारे साथ होने दो, तुम्हारे खिलाफ नहीं।
अगर आपको लगता है कि तुम मेरा जीवन उल्टा हो जाएगा,
तो यह चिंता की बात नहीं है।
आप कैसे जानते हैं कि उल्टा बेहतर नहीं है? ”

Read More...

bya bya ki tui

बया बया कि तुई जान-ए- जान-ए- जान-ए- समा’
बया कि सर्वे रवानी बबोस्तान-ए- समा’

समा’ बंदए वक़्त-ए- तू बाशद ऐ मेहतर
ज़े वजद-ए- ख़्वेश दर आई तू दर्मेयान-ए- समा’

बरूँ ज़े हर दो जहां आ चू दर समा’ आई
बरूँ ज़े हर दो जहां अस्त ईँ जहान-ए- समा’

बया कि रौनक़-ए- बाज़ार-ए- इश्क़ अज़ लब-ए- तुस्त
के शाहिदीस्त निहानी दर ईँ दुकान-ए- समा’

बया कि सुरत-ए- इश्क़स्त शम्स-ए- तबरेज़ी
कि बाज़ मांद ज़े इश्क़श लब-ओ- देहान-ए- समा’

Read More...

ma khazin-e-khazana

मा ख़ाज़िन-ए- ख़ज़ान:-ए- असरार बुद: ऐम
मा साल्हा मुसाहिब-ए- दिलदार बुद: ऐम

मा रख़त-ए- ख़ुद ज़ आ’लम-ए- हस्ती कशीद: ऐम
दर कुए यार बे ग़म-ए- अग़यार बुद: ऐम

आदम हनूज़ दर अ’दम आबाद बुद कि मा
मस्त-ओ- ख़राब-ए- नर्गिस-ए- आँ यार बुद: ऐम

दर गुलशन-ए- विसाल बचन्दीँ हज़ार साल
पेश अज़ दो कौन ताएर-ए- तैय्यार बुद: ऐम

अज़ जाम-ए- इश्क़ बाद:-ए- वहदत कशीद: ऐम
फ़ारिग़ ज़े साक़ी-ओ- मय-ओ- ख़म्मार बुद: ऐम

Read More...

aarju daram ki mehmanat

आरज़ू दारम कि मेहमानत कुनम
जान-ओ- दिल ऐ दोस्त क़ुर्बानत कुनम

हीं क़िराअत कम कुन व ख़ामोश बाश
ता बख़्वानम ऐ’न क़ुरआनत कुनम

गर तू तर्क-ए- सर कुनी मरदान: वार
हमचु इस्माईल क़ुर्बानत कुनम

गर यक़ीन दानम कि बर मन आ’शिक़ी
अज़ जमाल-ए- ख़्वेश हैरानत कुनम

गर तू अफ़लातून -ओ- लुक़मानी बइ’ल्म
मन ब यक दीदार-ए- नादानत कुनम

शम्स तबरेज़ी ब मौलाना बगो
दफ़्तर-ए- असरार-ए- दीवानत कुनम

Read More...

dar ishq n jismam-o-n janam

दर इश्क़ न जिस्मम-ओ- न जानम
चीज़े अ’जबम न ईँ न आनम

हर जा कि रवम ख़राब-ए- इश्क़म
मन का’बा-ओ- बुत्कद: न दानम

ऊ बेशक -ओ- बे गुमाँ यक़ीन अस्त
मन बे शक-ओ- बेगुमाँ गुमानम

मन जाम-ए- जहां नुमाए इश्क़म
मन मर्दुम-ए- दीद:-ए -जहानम

हम सूरत-ए- आफ़ताब-ए- ज़ातम
हम मा’नी-ए- सिर्र-ए- कुन फ़कानम

अफ़्जूं ज़े ज़मान-ओ- दर ज़मानम
बेरूं ज़े मकान-ओ- दर मकानम

मन बे ख़बर अज़ निशान-ओ- नामम
बिल्लाह मतलब-ए- दीगर निशानम

हम साय:-ए- आफ़ताब-ए- ज़ातम
हम मौज-ए- मुहीत-ए- बेकरानम

चूँ शम्स ज़े परतवे कि दारम
गह ज़ाहिरम -ओ- गहे निहानम

Read More...

Mullana Jami Quotes

ईश्वर और प्रेम शरीर और आत्मा के रूप में हैं।
ईश्वर मेरा है, प्रेम हीरा है।
वे साथ रहे हैं शुरुआत से
हर धड़कन में, हर दिल में।

Read More...