Bulleh Shah Hindi Kalam

दूर दूर असाथों ग्युं, अजला (अरशां) ते आ के बह रहउं,
की कसर कसूर विसारिआ, सानूं आ मिल यार प्यारिआ ।

मेरा इक अनोखा यार है, मेरा ओसे नाल प्यार है,
किवें समझें वड परवाइआ, सानूं आ मिल यार प्यारिआ ।

जदों आपनी आपनी पै गई, धी मां नूं लुट्ट के लै गई,
मूंह बाहरवीं सदी पसारिआ, सानूं आ मिल यार प्यारिआ ।

दर खुल्ल्हा हशर अज़ाब दा, बुरा हाल होया पंजाब दा,
डर हावीए दोज़ख मारिआ, सानूं आ मिल यार प्यारिआ ।

बुल्ल्हा शहु मेरे घर आवसी, मेरी बलदी भा बुझावसी,
इनायत दमदम नाल चितारिआ, सानूं आ मिल यार प्यारिआ ।