Bu Ali Shah Qalandar Kalam

अगरचे मोमिनम या बुत-परस्तम
क़ुबूलम कुन निगारा हर-चे हस्तम

यके काफ़िर दो-सद बुत मी-परस्तद
मनम मिस्कीं यके रा मी-परस्तम

बुते दारम दरून-ए-सीन:-ए-ख़्वेश
ब-रोज़-ओ-शब मन आँ बुत रा परस्तम

मरा गोयन्द चरा बुत मी-परस्ती
चू यारम बुत बूवद मन मी-परस्तम