shayri

आँखों का एहतराम तो उनकी नमी पे है

अब छोड़ दिया फैसला जो है तुमी पे है।

शराफत का आसमान बड़ी दूर तलक है

बादल मगर गुनाह का आना जमीं पे है।

मदमस्त जवानी है मगर याद रहे ये

दारोमदार मुल्क का सारा हमीं पे है।

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hazrat ali ne farmaya

ज़िल्लत उठाने से बेहतर है तकलीफ उठाओ .

कभी भी अपनी जिस्मानी ताकत और दौलत पर भरोसा न करना क्युँकि बीमारी और ग़रीबी आने में देर नही लगती…!!

“इंसान की ज़ुबान उसकी अक्ल का पता देती है और आदमी अपनी ज़ुबान के नीचे छुपा होता है !!”

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hazrat ali

बुरी औरत की पहचान

अपने आप को ढांप कर नहीं रखेगी।

अपने खाविंद की नफरमानी करेगी।

बदजुबान होगी।

बालों की नुमाईश करेगी।

खानदान भर में अपने आपको आकिल ख्याल करेगी।

दुसरों को बात न करने देगी

नींद उसे बहुत अजीज होगी।

अपनी आवाज को बहुत बुलंद करके बात करेगी।

कपड़े बारीक और दिखावे वाले पहनेंगी।

पीठ पिछे अपने खानदान की बुराई करेगी।

बाजारों के चक्कर लगाने की शौकीन होगी
-हजरत अली

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hindi quotes hazrat ali

बुरे मर्द की पहचान

1 तकब्बूर करेगा।
2.अकड के बोलेगा।
3. दिखावा ज्यादा करेगा।
4.बदजुबान होगा।
5.अकड कर चलेगा।
6. खानदान में सबको जलील करेगा।
7. अपने पैसे पर नाज करेगा।
8. अपने सेहत पर नाज करेगा।
9. बुजुर्गों को जलील करके खुश होगा।
10. अपनी जवानी के किस्से ज्यादा सुनाया करेगा।
11. हासिद होगा।
12. मां बाप का नफरमान होगा।
-हजरत अली

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quotes hazrat ali

जब गुनाह के बावजूद अल्लाह की नेअमते मुसलसल तुझे मिलती रहे तो तु होशियार हो जाना के तेरा हिसाब करिब और सख्त तरिन है हज़रत अली

कोई गुनाह लज्जत के लिए मत करना क्यो की लज्जत खत्म गुनाह बाकी रहेगा और कोई नेकी तकलीफ की वजह से मत छोड ना क्यो की तखलीफ खत्म हो जायेगी पर नेकी बाकी रहेगी

एक ज़माना ऐसा भी आएगा कि लोग अपने रब को भुल जाएंगे,लिबास बहुत क़ीमती पहन कर बज़ार में अकड़ कर चलेंगे और इस बात से बेखबर होंगे के उसी बाज़ार में उन का कफन मौजूद है ।

जाहिल के सामने अक़्ल की बात मत करो पहले वो बहस करेगा फिर अपनी हार देखकर दुश्मन हो जायेगा

जब नेमतों पर शुक्र अदा किया जाए तो वह कभी ख़त्म नही होती ।

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