sarkar ko kya bala chand soraj

क्यूं भला चाँद सूरज सितारे इस कदर जगमगाए हुवे हैं
मुस्तफ़ा जाने-रहमत यक़ीनन रुख़ से पर्दा उठाए हुवे हैं

क्यूं भला चाँद सूरज सितारे इस कदर जगमगाए हुवे हैं

दी सदाक़त अदालत सख़ावत और अता की है शाने सुजाअत
देखो शेरे ख़ुदा बाब-ए-ख़ैबर उँगलियों पर नचाए हुवे हैं

क्यूं भला चाँद सूरज सितारे इस कदर जगमगाए हुवे हैं

तीर तलवार बरछी हैं भाले, है पड़े ज़ाहिरन जां के लाले
मुस्कुराते हुवे नन्हें असग़र करबला को हिलाए हुवे हैं

क्यूं भला चाँद सूरज सितारे इस कदर जगमगाए हुवे हैं

आला हज़रत ने ईमां बचाया, इश्क़े-अहमद की रह पर चलाया
सुल्हे-कुल्ली से ताजुश्शरीया आज सब को बचाए हुवे हैं

क्यूं भला चाँद सूरज सितारे इस कदर जगमगाए हुवे हैं

उनको अपनी तरह कहने वालो, पहले साबिर की अज़मत को जानो
बा-ख़ुदा ! देखो अपना जनाज़ा आप खुद ही पढ़ाए हुवे हैं

क्यूं भला चाँद सूरज सितारे इस कदर जगमगाए हुवे हैं

ग़ौसो-ख़्वाजा-रज़ा का करम है, उनके फैज़ान से दम में दम है
इस लिये हम तो अज़हर यक़ीनन सारे आलम पे छाए हुवे हैं