Ab to lagta hai aa jayegi bari meri

उसे बेचैन कर जाऊँगा मैं भी
ख़मोशी से गुज़र जाऊँगा मैं भी

मुझे छूने की ख़्वाहिश कौन करता है
कि पल भर में बिखर जाऊँगा मैं भी

बहुत पछताएगा वो बिछड़ कर
ख़ुदा जाने किधर जाऊँगा मैं भी

ज़रा बदलूंगा इस बे-मंज़री को
फिर उस के बाद मर जाऊँगा मैं भी

किसी दीवार का ख़ामोश साया
पुकारे तो ठहर जाऊँगा मैं भी

पता उस का तुम्हें भी कुछ नहीं है
यहाँ से बे-ख़बर जाऊँगा मैं भी