Awargi ne dil ki ajab kaam kar diya

आवारगी ने दिल की अजब काम कर दिया
ख़्वाबों को बोझ नींदों को इल्ज़ाम कर दिया

कुछ आँसू अपने प्यार की पहचान बन गए
कुछ आँसुओं ने प्यार को बद-नाम कर दिया

जिस को बचाए रखने में अज्दाद बिक गए
हम ने उसी हवेली को नीलाम कर दिया

दिल को बचा के रक्खा था दुनिया से आज तक
ले आज हम ने ये भी तिरे नाम कर दिया

तुम ने नज़र झुका के जहाँ बात काट दी
हम ने वहीं फ़साने का अंजाम कर दिया

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