asar dekha ab dua raat bhar ki

असर देखा दुआ जब रात भर की
ज़िया कुछ कुछ है तारों में सहर की

हुए रुख़्सत जहाँ से सुब्ह होते
कहानी हिज्र की यूँ मुख़्तसर की

तड़प उट्ठे लहद के सोने वाले
ज़मीं की सम्त क्यूँ तुम ने नज़र की

सहर देखें ये हसरत ले गए हम
बताएँ क्या तुम्हें क्यूँकर सहर की