Maula Ali Ka Farman

जब तुम्हरी मुख़ालफ़त हद से बढ़ने लगे,
तो समझ लो कि अल्लाह तुम्हें कोई मुक़ाम देने वाला है

झूठ बोलकर जीतने से बेहतर है सच बोलकर हार जाओ।
सब्र को ईमान से वो ही निस्बत है जो सिर को जिस्म से है.

दौलत, हुक़ूमत और मुसीबत में आदमी के अक्ल का इम्तेहान होता है
कि आदमी सब्र करता है या गलत क़दम उठता है.

सब्र एक ऐसी सवारी है जो सवार को अभी गिरने नहीं देती।