कविता या काव्य क्या है Urdu Poetry in Hindi इस विषय में भारतीय साहित्य में आलोचकों की बड़ी समृद्ध परंपरा है— आचार्य विश्वनाथ, पंडितराज जगन्नाथ, पंडित अंबिकादत्त व्यास, आचार्य श्रीपति, भामह आदि संस्कृत के विद्वानों से लेकर आधुनिक आचार्य रामचंद्र शुक्ल तथा जयशंकर प्रसाद जैसे प्रबुद्ध कवियों और आधुनिक युग की मीरा महादेवी वर्मा ने कविता का स्वरूप स्पष्ट करते हुए अपने अपने मत व्यक्त किए हैं। विद्वानों का विचार है

कभी दो हमें भी यह मौका,
सजदे में तेरे झुक जाएं हम,
लेके हाथ तेरा हाथों में,
प्यार की चूड़ियाँ पहनाएं हम
कभी दो हमें भी यह मौका

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मिरे भी सुर्ख़-रू होने का इक मौक़ा निकल आता
ग़म-ए-जानाँ के मलबे से ग़म-ए-दुनिया निकल आता

ये माना मैं थका-हारा मुसाफ़िर हूँ मगर फिर भी
तुम्हारे साथ चलने का कोई रस्ता निकल आता

कहानी एक अत्यंत लोकप्रिय विधा के रूप में स्वीकृत हो चुकी है। Urdu Poetry in Hindi प्रायः सभी पत्र-पत्रिकाओं में, पाठकीय माँग के फलस्वरूप, कहानियों का छापा जाना अनिवार्य हो गया है। इस देश की प्रत्येक भाषा में केवल कहानियों की पत्रिकाएँ भी संख्या में कम नहीं हैं।

कभी दो हमें भी यह मौका,
होठों से होठ मिलाने का,
तेरी बाहों में सो जाने का,
रात में तेरे ख्वाबों में जी लेने का,
कभी दो हमें भी यह मौका,

कभी दो हमें भी यह मौका,
शाम के एहसास का,
गहरे से जज़्बात का,
आँखों में डूब जाने का,
कभी दो हमें भी यह मौका

कविता मनुष्य को स्वार्थ सम्बन्धों के संकुचित घेरे से ऊपर उठाती है और शेष सृष्टि से रागात्मक सम्बंध जोड़ने में सहायक होती है। काव्य की अनेक परिभाषाएँ दी गई हैं। ये परिभाषाएं आधुनिक हिंदी काव्य के लिए भी सही सिद्ध होती हैं।