यह नात ख्वानी का रिवाज भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश में आम है। भाशा अनुसार देखें तो, पश्तो, बंगाली, उर्दू और पंजाबी में नात ख्वानी आम है। Urdu Naat Sharif नात ख्वां तुर्की, फ़ारसी, अरबी, उर्दू, बंगाली, पंजाबी, अंग्रेज़ी, कश्मीरी और सिंधी भाशाओं में आम है।

Me yad e baydaa ke sadqe Ae Kaleem
Par kahaa Un ki Kaf e Paa ka jawaab

Kya amal tu ne kiye us ka suwaal
Teri rahmat chaahi hain mera jawaab

Naat-Sharif

Urdu Naat Sharif Ka Agaz

नात शेरों से बनती हैं। हर शेर में दो पंक्तियां होती हैं। शेर की हर पंक्ति को मिसरा कहते हैं। नात की ख़ास बात यह हैं कि उसका प्रत्येक शेर अपने आप में एक संपूर्ण कविता होता हैं और उसका संबंध नात में आने वाले अगले पिछले अथवा अन्य शेरों से हो, यह ज़रूरी नहीं हैं।

Dekh Rizwaan Dasht e Taiba ki bahaar
Meri jannat ka na paaye ga jawaab

Shor hain lutf o ataa ka shor hain
Maangne waala nahi sunta jawaab

Jurm ki paataash paate ahle jurm
Ulti baato ka na ho seeda jawaab

Par Tumhare lutf aare aagaye
De diya mahshar me bepursish jawaab

Ae Hasan mehw e Jamaal e Rooh e Dost
Ae Nakeerain is se phir lena jawaab