Sad Shayri प्राचीन ग्रीकों ने चार तरह के प्यार को पहचाना है: रिश्तेदारी, दोस्ती, रोमानी इच्छा और दिव्य प्रेम। प्यार को अक्सर वासना के साथ तुलना की जाती है और पारस्परिक संबध के तौर पर रोमानी अधिस्वर के साथ तोला जाता है, प्यार दोस्ती यानी पक्की दोस्ती से भी तोला जाता हैं। आम तौर पर प्यार एक एहसास है जो एक इन्सान दूसरे इन्सान के प्रति महसूस करता है।

दास्तान-ए-ग़म हम ने कह भी दी तो क्या होगा
और बढ़ गई दिल की बे-कली तो क्या होगा

उम्र-ए-रफ़्ता के क़िस्से दोस्तो न दोहराओ
कोई याद-ए-ख़्वाबीदा जाग उठी तो क्या होगा

sad-shayari

ज़िंदगी तो अपनी है लुट गई तो फिर क्या ग़म
ग़म तिरी अमानत है छिन गई तो क्या होगा

स्त्री व पुरुष के मध्य प्रेम होने के सात चरण होते है व प्रेम सामाप्त होने के सात चरण होते है । प्रेम होने के सात चरण पहला आकर्षण दूसरा ख्याल तीसरा मिलने की चाह चौथा साथ रहने की चाह पांचवा मिलने व बात करने के लिए कोशिश करना छठवां मिलकर इजहार करना सातवा साथ जीवन जीने के लिए प्रयत्न करना व अंत में जीवनसाथी बन जाना ।

दर्द से सँवारी है रूह-ए-ज़िंदगी हम ने
दर्द को न रास आई ज़िंदगी तो क्या होगा

वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो
वही या’नी वा’दा निबाह का तुम्हें याद हो कि न याद हो

वो जो लुत्फ़ मुझ पे थे बेशतर वो करम कि था मिरे हाल पर
मुझे सब है याद ज़रा ज़रा तुम्हें याद हो कि न याद हो