Pyar Shayri सौन्दर्य के दृश्य तभी द्रष्टा की दृष्टि में विलयित हो पाते हैं,और यही अवस्था प्रेम की अवस्था होती है। प्रेम और सौन्दर्य दोनो की उत्पत्ति और उद्दीपन की प्रक्रिया अन्तर से प्रारम्भ होती है। सौन्दर्य मनुष्य के व्यक्तित्व को प्रभावित करता है, और प्रेम उस सौन्दर्य में समाया रहता है।
वो नए गिले वो शिकायतें वो मज़े मज़े की हिकायतें
वो हर एक बात पे रूठना तुम्हें याद हो कि न याद हो
कभी बैठे सब में जो रू-ब-रू तो इशारतों ही से गुफ़्तुगू
वो बयान शौक़ का बरमला तुम्हें याद हो कि न याद हो
Mere Dil Mein Jis Shakhs Ka Qyaam Hai Dosto
Meri Nazar Mein Uska Baut Uncha Maqaam Hai Dosto
सभी कहते हैं Pyar Shayri प्यार हमेशा दिल से होता है,लेकिन सही मायने में प्यार दिमाग से होता है। लोग पूरी विवेकता से प्यार करते है। अक्सर प्यार हमें उन्हीं चीजों से और उन्हीं इंसानों से होता है जिनमें हमें कुछ बाते आकर्षित करती है।
किसी के हुस्न से खेली हैं उम्र भर आँखें
ये लग रहा है नज़र से नज़र मिली है अभी
Khuda Kare Usey Meri Bhi Sabhi Khushiyan Mil Jayein
Mere Sath Uske Gham Ki Shaam Hai Dosto
Ab To Kisi Se Baat Karna Acha Nahi Lagta
Din Raat Honthon Pe Usi Ka Naam Hai Dosto