Mother Shayari यह दो जुमलों (पंक्तियों) से बना कविता का एक अंश होता है जो एक-साथ मिलकर को भाव या अर्थ देती हैं, उदाहरण के लिए ‘बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मेरे आगे, होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे’ दो जुमलों का एक शेर है (अर्थ: ‘दुनिया मेरे लिए बच्चों का खेल है, रात-दिन यही तमाशा देखता हूँ’)
तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो
तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो
ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूँ इन निगाहों में
बुरा क्या है अगर ये दुख ये हैरानी मुझे दे दो
शेर-ओ-शायरी या सुख़न
Mother Shayari भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में ऐसा होता आया है कि अगर कोई शेर लोकप्रीय हो जाए तो वह लोक-संस्कृति में एक सूत्रवाक्य की तरह शामिल हो जाता है। उदाहरण के लिए:
- इब्तेदा-ए-इश्क़ है, रोता है क्या – इसकी दूसरी पंक्ति है, ‘आगे-आगे देखिये होता है क्या’। sad shayari यह अक्सर किसी मुश्किल काम (जिसमें प्रेम-प्रयास भी है) के करते समय कहा जाता है। इसका अर्थ है कि ‘अभी तो मुश्किल काम शुरू हुआ है, अभी और कठिनाई आएगी, अभी से क्या रोना
मैं देखूँ तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है
कोई दिन के लिए अपनी निगहबानी मुझे दे दो..
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही मज़ाक किया करते है इस जमाने में।
चिंगारी का ख़ौफ़ न दिया करो हमे,
हम अपने दिल में दरिया बहाय बैठे है,
अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में,
लेकिन हमतो खुद को आंसुओ में भिगोये बैठे है।