Mohabbat Poetry कहानी एक अत्यंत लोकप्रिय विधा के रूप में स्वीकृत हो चुकी है। प्रायः सभी पत्र-पत्रिकाओं में, पाठकीय माँग के फलस्वरूप, कहानियों का छापा जाना अनिवार्य हो गया है। इस देश की प्रत्येक भाषा में केवल कहानियों की पत्रिकाएँ भी संख्या में कम नहीं हैं। रहस्य, रोमांस और साहस की कहानियों के अतिरिक्त उनमें जीवन को गंभीर रूप में लेने वाली कहानियाँ भी छपती हैं। साहित्यिक दृष्टि से इन्हीं का महत्व है।

फूल थे बादल भी था और वो हसीं सूरत भी थी
दिल में लेकिन और ही इक शक्ल की हसरत भी थी

जो हवा में घर बनाए काश कोई देखता
दश्त में रहते थे पर तामीर की आदत भी थी

love Shayari

तिरी यादों की पथरीली ज़मीं शादाब हो जाती
अगर आँखों के सहरा से कोई दरिया निकल आता

बाद में जनवादी कहानी आंदोलन में इनका समाहार हो जाता है। Mohabbat Poetry नब्‍बे के दशक की कहानी और 21 वीं सदी के पहले दशक की कहानी का अभी तक समुचित मूल्‍यांकन नहीं हो पाया है लेकिन उनमें वैश्‍वीकरण, सूचना तंत्र और बाजारवाद की अनुगँज साफ सुनी जा सकती है। नब्बे का दशक दलित विमर्श और स्त्री विमर्श के उभार का दशक भी था।

कह गया मैं सामने उस के जो दिल का मुद्दआ
कुछ तो मौसम भी अजब था कुछ मिरी हिम्मत भी थी

अजनबी शहरों में रहते उम्र सारी कट गई
गो ज़रा से फ़ासले पर घर की हर राहत भी थी

क्या क़यामत है ‘मुनीर’ अब याद भी आते नहीं
वो पुराने आश्ना जिन से हमें उल्फ़त भी थी