नबी-ए-अकरम,शफी-ए-आज़म,दुखे दिलों का पयाम ले लो
तमाम दुन्याँ के हम सताए खड़े हुए है सलाम ले लो
कदम कदम पर है ख़ौफ़े रहज़न, ज़मीन भी दुश्मन फलक भी दुश्मन
ज़माना हम से हुआ बदज़न तुम्ही मोहब्ब्बत से काम ले लो
शिकस्ता कस्ती है तेज़ धारा नज़र से रु-पोश है किनारा
नहीं है कोई न खुदा हमारा खबर तो आली मुकाम ले लो

अजीब मुश्किल में कारबा है न कोई जादू न पस्बा है
बा-शक्ले रहबर छुपे है रहज़न उठो ज़रा इंतिकाम ले लो
कभी तकाज़ा वफ़ा का हम से कभी मज़ाके ज़फ़ा हम से
तमाम दुन्याँ खफा है हम से खबर तो खैरुल अनाम ले लो
ये कैसी मंज़िल पे आ गए हम न कोई अपना न हम किसी के
तुम अपने दामन में आज आका तमाम अपने गुलाम ले लो
नबी-ए-अकरम, शफी-ए-आज़म, दुखे दिलों का पयाम ले लो
तमाम दुन्याँ के हम सताए खड़ेb हुए है सलाम ले लो