हम ने फूलों को जो देखा लब-व-रुखसार के बाद
फूल देखे ना गये हुस्ने रूखे यार के बाद
काम नज़रों से लिया अबरूये ख़म दार के बाद
तीर मारे मुझे उस शोक ने तलबार के बाद
जिस पे हो जाए फिदा कोई भी ऐसा ना मिला
सैंकड़ों देखें हें आप के दिदार के बाद
दिल रुबाई की अदा यूँ ना किसी ने पायी
मेरे सरकार से पहले मेरे सरकार के बाद
ज़िंदगी मौत से कुछ कम ना थी ऐ जाने हयात्
तेरे इकरार से पहले तेरे इंकार के बाद
दिल बा जान करके फ़िदा उनको बनाया अपना
ईश्क के खेल मे जीत अपनी हुयी हार के बाद
चैन फिर और कही पा ना सके ऐ पुरनम
हम ज़माने में फिरे कुचाॅं-ए-दिल दार के बाद