अपना ही सा ए-नरगिसे मस्ताना बना देना
मैं जब तुझे जानू,मुझे दीवाना बना देना
हर क़ैद से हर रस्मे से,बेगाना बना दे
दीवाना बना दे मुझे दीवाना बना दे
हर वर्के अदा खीरेमन हस्ती पे गिरा कर
नज़रो को मेरी तूर का अफ़साना बना दे
हर दिल है तेरी बज़म मे लबरेज़ मेय इस्क
एक और भी पयमाने से पयमाना बना दे
तू सकी मयखना भी तू नशा बा मेय भी
मैं तिसना मस्ती मुझे मस्ताना बना दे
अल्ला ने तुजको मेय बा मयखना बनाया
तू सारी फ़ज़ा को मेय बा मयखना बना दे
तू सकी मयखना है मैं रिंदे बाला नोस
मेरे लिए मयखना को पयमाना बना दे
या दीदा-हा-बा दिल मे तू आप समा जा
या फिर दिल-बा-दीदा ही को बिरान बना दे
क़तरे मे वो दरया है जो आलम को डूबा-दे
ज़र्रे मे वो सहेरा है के दीवाना बना दे
लेकिन मुझे हर क़ैद-तईन से बचा कर
जो चाहे वो,ए नरगिसे-मस्ताना बना दे
आलम तो है,दीवाना जिगर,हुसन की खातिर
तू अपने लिए हुसन को दीवाना बना दे