आई नसीम-ए- कूए मुहम्मद
सल्ल-लल-लाहो आलैहे वस्लम |
खिचने लगा दिल सू-ए-मुहम्मद
सलल्ला हो अलैही वसल्लम |
ऐ सबा क्या याद फरमाया है
आका ने मुझे सुये मोहम्मद |
काबा हमारा कुये मोहम्मद
सलल्ला हो अलैही वसल्लम |
मिद-हते ईमां रु-ए-मोहम्मद
सलल्ला हो अलैही वसल्लम |
तूबा की जानिब तकने वालों
आँखे खोलो होश संभालो |
देखूँ क़द ए दिल जुये मोहम्मद
सलल्ला हो अलैही वसल्लम |
नाम इसी का बाबे करम है।
देखो यही मेहरबे हरम है
देखो ख़म ए अबरू-ए मोहम्मद
सलल्ला हो अलैही वसल्लम
खैरुल बशर खैरुल वरा
सल्ले अला सल्ले अला
शम्स-उद दुहा बदरुद दुजा
सल्ले अला सल्ले अला
हम सब का रुख़ सू-ए काबा,
सू-ए मोहम्मद रू-ए काबा
काबे का काबा कू-ए मोहम्मद
सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम
भीगी भीगी खुशबु लेहकी
बेदम दिल की दुनिया महकी
खुल गए जब गेसुये मोहम्मद
सलल्ला हो अलैही वसल्लम