आज करना है चराग़ां सरे मिजगां मुझको
ख़ुशनसीबी से मिला है दरे जानां मुझको
आपकी ज़ात को अल्लाह सलामत रखे
आप जैसा न मिला कोई निगेहबां मुझको
मैं गुनहगार कहां दामन ए सरकार कहां
मिल गया तेरे करम से तेरा दामां मुझको
जिंदगी आपके कदमों पे निछावर कर दूं
आप मिल जाएं अगर ऐ मेरे जानां मुझको
क्या तलब तुझसे करूं इतना नवाज़ा तूने
सर उठाने नहीं देते तेरे एहसां मुझको
आपकी चश्मे इनायत के मैं कुर्बां जाऊं
आईना देखके होता है पशेमां मां मुझको
आज फिर मेरे मुक़द्दर की बर आई क़िस्मत
आज फिर आके मिले हैं मेरे जानां मुझको
और तो कोई तमन्ना ही नहीं है सादिक़
आरज़ू है के मिले जल्वा ए जाना मुझको
आज करना है चराग़ां सरे मिजगां मुझको
ख़ुशनसीबी से मिला है दरे जानां मुझको